शहर में खाने-पीने की कई चीजे हैं, जो शहर के बाहर तक अपने स्वाद का जायका और खुशबू बिखेर रही हैं। इन्हीं चीजों में शुमार है शहर का गुजराती नमकीन। शहरवासियों के अलावा दिल्ली, बॉम्बे, इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर आदि शहरों के लोग गुजराती नमकीन मंगवाते हैं। शहर के हृदय स्थल तीनबत्ती पर गुजराती की पुरानी दुकान है। सन् 1965 में खुली इस दुकान के नमकीन के स्वाद और गुणवत्ता के कारण का बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इसे पसंद करते हैं। गुजराती नमकीन की लोकप्रियता को देख शहर में गुजराती नमकीन के नाम से कई दुकानें खुल चुकी हैं। ग्राहकों का विश्वास पोपट भाई ने बताया कि मसाला भुजिया की ताजगी, गुणवत्तापूर्ण सामग्री और स्वाद के कारण बाजार में मांग बड़ी है। हम ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिबद्ध हैं। समय सीमा के भीतर अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं। हम उत्पादों की गुणवत्ता को बनाएं रखने के लिए स्वच्छ तरीके से उन्हें पैक करते हैं। ये वैरायटी हैं उपलब्ध मसाला भुजिया, गुजराती मिक्स, धनिया दाल, लहसुन गाठियां, चाकोली, स्पेशल टनाटन, देसी चना नमकीन, मूंग की दाल, स्वादिष्ट मूंगफली, लहसुन सेव, फलाहारी चूड़ा, आलू भुजिया, कश्मीरी चना, उड़द दाल पापड़। ऐसे पड़ा नाम पोपट भाई बताते हैं हम गुजरात के नडियाद के रहने वाले हैं। सागर आने पर हमने नमकीन की दुकान खोली। तब दुकान का कोई नाम नहीं था। कास्ट गुजराती होने के कारण दुकान का नाम भी गुजराती पढ़ गया। 1965 में पिता स्व. जेठाभाई अम्बालाल दर्जी ने दुकान खोली थी। वर्तमान में क्रिक भाई और राजेन्द्र भाई भी इस दुकान को चलाते हैं। ब्रांड नेम किया गुंजन गुजरारी नमकीन के नाम पर अधिक दुकानें खुल गई हैं। बाजार में नाम का गलत प्रयोग हो रहा था। 2011 में गुजराती नमकीन का ब्रांड नेम गुंजन कर दिया। पोपट भाई ने बताया कि हमारे यहां गुंजन पापड़ बेचे जाते हैं। इसलिए नमकीन का नाम भी गुंजन कर दिया। 300 किलो नमकीन की रोज सेल समय के साथ नमकीन की वैरायटी भी बढ़ती गईं। अब दुकान में 40 प्रकार के नमकीन हैं। लगभग 300 किलो नमकीन की सेल प्रतिदिन होती है।
गुजराती नमकीन
प्रकार:  
हल्का नाश्ता